क्रिप्टो करंसी की दिन ब दिन बढ़ती लोकप्रयिता ने लोगों का ध्यान इस और आकर्षित किया है जहाँ बहुत ज्यादा पैसा बनने की संभावना होती है वह पर अपराध भी पैदा होता है। पिछले कुछ सालों में भारत मे भी क्रिप्टो मे लोगों का रुझान बढ़ा है और यही कारण है कि अपराध भी बढ़ा है।
पिछले साल ही बैंकों पर सरकारी रोक के बाद इसमें और तेज़ी आयी है।
हाल ही मे सरकार ने इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने के लिए “साइबर क्राइम लैब” का गठन किया है। भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरा देश है जहाँ साइबर हमले सबसे ज्यादा है इसी को ध्यान में रखते हुए भारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने “साइबर फोरेंसिक लैब और साइबर प्रोटेक्शन अवेर्नेस एंड डिटेक्शन सेण्टर” का उद्घाटन किया है जो देल्ही पुलिस के द्वारा संचालित किया जायेगा।
इस लैब मे कुछ विशेषज्ञ होगे और एक खास इकाई साइबर और क्रिप्टो मे हो रही धोखाधड़ी की जाँच करेंगे। इस मौके पर देल्ही पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने बताया कि यह लैब बहुत सारी खूबियों से भरी है,इसमें ख़राब हो चुकी हार्ड डिस्क,मैलवेयर फोरेंसिक,मोबाइल से डेटा रिकवर करने और क्रिप्टो करंसी के विशेषज्ञ हैं जो सभी तरह के साइबर और क्रिप्टो के अपराधी से लड़ने योग्य हैं।
सरकार का यह कदम तब आया है जब जल्द ही सरकार द्वारा बैंको पर लगी रोक का मुकदमा सर्वोच्च न्यायालय मे सुनवाई के करीब है।
सरकार के इस कदम से यह लगता है कि सरकार शायद क्रिप्टो को क़ानूनी दर्जा दे कर इसकी रूपरेखा तैयार कर चुकी है या करने वाली है और यह सही भी है क्योंकि कानून के दायरे मे रह कर काम तभी किया जा सकता है जब दायरा निर्धारित हो। अभी जो भी काम क्रिप्टो के बाजार मे हो रहे हैं उसमे धोखाधड़ी होने की सबसे बड़ी वजह इस पर कोई कानून न होना है इस वजह से अपराध बढ़ रहे है और जिनके साथ यह धोखा हो रहा है वो कही शिकायत भी करे तो कैसे?
शायद भारत सरकार का यह फैसला लोगो को काफी राहत देगा क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो सरकार को लगातार क्रिप्टो को क़ानूनी करने की मांग उठा रहे हैं साथ ही क्रिप्टो के बारे में लोगो को शिक्षित भी कर रहे हैं।