क़िस्मत पर सब छोड़ दिया है
देंखें आगे क्या होता है
जीत सका क्या वक़्त से कोई
रोके से ये कब रुकता है
जिसकी ख़ातिर सब जग छोड़ा
उसने ही छोड़ा तन्हा है
रेज़ा रेज़ा कर के गया जो
राह उसी की दिल तकता है
प्यार वफ़ा अर् कसमें वादे
और नहीं कुछ बस धोखा है
कुछ झूठे रिश्ते पाने में
ख़ुद को ही मैंने खोया है
पूछ रहे हैं लोग ये मुझसे
तेरा ग़ज़ल से क्या रिश्ता है
ग़ज़्ल नहीं ये दर्द है यारो
जो मेरे दिल से रिसता है
दर्द ये दिल का लिबास है पायल
ज़ख्म तेरे दिल का गहना है