जो सांस रही और वो लौट आये तो अपना लेंगे हम,
नहीं तो उस गम में खुद को भुला देंगे हम,
चले जाएंगे इतनी दूर की हमारी और से चलती हवाए भी उनतक न पहुचेगी,
न हमारी धड़कन की आवाज़ उनको सुनाई देगी और न ही हम दिखाई देंगे।
देंगे वो आवाज़ हमें अपनी दिल से रूह तक,
लेकिन तब तक हम कब्र में दफ़न हो चुके होंगे और वहां से ये दुआ करेंगे तू जिस दुनिया में खुश है वो दुनिया छोड़ चुके हम अब उस बिच हम न आएँगे अपनी ज़िन्दगी का 1 नज़राना उनके लिए छोड़ जाएंगे।
ये बदलता मौसम हमें घुटन देता है,
ज़हन में १ सवाल है क्या उन्हें अब हमारी ज़रुरत हैं,क्या हम उनके काबिल नहीं ,या युही तकलीफो से घिरा हुआ हैं मन।
जो बात युही है तो क्या उन्हें हक़ नहीं की सारी गिला शिकवा दूर करे।
या उन्हें अब प्यार नहीं है युही हमारा बोझ उठाए फिर रहे है।
हर सवाल का जवाब है उनके पास,
हर दर्द का इलाज़ है उनके पास,
जो वो १ बार सोचे,
हर तकलीफ का हल है उनके पास