यह खबर अपने आप में एक बहुत ही चौंका देने वाली है और यह बहुत अच्छी खबर भी मानी जाती है क्योंकि दूसरे देशों में यह चीज पहले ही से चल रही है तो भारत ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव को कुछ लोगों ने मान लिया है और कुछ लोगों ने खारिज कर दिया है जो लोग इसे अच्छा बताते हैं उनकी तादाद बहुत ज्यादा है और जो लोग इस पहल से नाखुश है उनका कहना यह है अगर सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पब्लिक लेला उतर दे गई तो कुछ ना कुछ कर वीडियो प्लेयर काट कर के उस को तोड़ मरोड़ कर पेश
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करेंगे उन्होंने एग्जांपल के तौर पर यह बताया कि किसी विषय पर जज साहब अगर टिप्पणी करेंगे तो सिर्फ उसे ही सेवा कार्ड खराब कर दिया जाएगा और बताया जा कर देखो यह जज साहब देखो कितने सकते हैं और यह एक ही तरह की बात कर रहे हैं इस तरह बहुत सारे गलत मतलब निकाल कर यह सुप्रीम कोर्ट के जजों की छवि को खराब कर सकता है कि उन्होंने आशंका जताई है मगर उसके जवाब में यह बताया गया कि हम सिर्फ उन्हीं स्ट्रीमिंग स्कोर आई लव करेंगे जो सिर्फ संविधान से रिलेटेड घरेलू झगड़े
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यादगिरी खून खराबा या और कोई संबंधित तलाक और शादीशुदा और इस तरह के फैमिली प्रॉब्लम्स स्ट्रीमिंग नहीं की जाएगी और अगर स्ट्रीमिंग गई तो तो सिर्फ दो ही कहलाओगे जज और वकील और जो गवाह है या मुजरिम को नहीं दिखाया जाएगा ताकि उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखें यह बहुत ही दिलचस्प फैसला आने वाला है इसके ऊपर सुझाव भी तेजी से हो गए हैं सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से तैयार है कि हम स्ट्रीमिंग कर रहे हैं मगर हर विषय में नहीं कुछ विषय पर हम इसे फ़िलहाल टेस्टिंग पर यूज करेंगे अगर इसमें हमें अच्छा रिस्पांस मिला तो हम इसे और कोर्ट में भी लागू कर देंगे यह अपने आप में एक बहुत ही अच्छी